अफगानिस्तान में नंगारहर के जलालाबाद शहर में एक आत्मघाती हमले में कम से छह लोगों की मौत हो गई है। वहीं करीब 20 लोग घायल हो गए हैं।
Updated Sun, 13 May 2018 03:21 PM IST
bomb blast (फाइल फोटो)
अफगानिस्तान में नंगारहर के जलालाबाद शहर में एक आत्मघाती हमले में कम से छह लोगों की मौत हो गई है। वहीं करीब 20 लोग घायल हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक यह हमला दोपहर में एक भीड़भाड़ वाले इलाके में हुआ है।
कुछ दिन पहले ही 7 भारतीय इंजीनियरों समेत 8 लोगों को अज्ञात बंदूकधारियों ने किया था अगवा

Salahuddin Rabbani
बता दें कि कुछ दिन पहले ही अफगानिस्तान के बागलान प्रांत में एक ऊर्जा कंपनी में कार्यरत सात भारतीय इंजीनियरों समेत आठ लोगों को अज्ञात बंदूकधारियों ने अगवा कर लिया था। किसी संगठन ने इस घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन इस क्षेत्र में तालिबान का प्रभाव है। स्थानीय अधिकारियों ने इसी संगठन पर शक जताया था।
इसके बाद अफगानिस्तान के विदेश मंत्री सलाहुद्दीन रब्बानी ने अपने देश में नवनियुक्त भारतीय उच्चायुक्त विनय कुमार से कहा है कि उनकी सरकार तालिबान द्वारा अगवा किए गए भारतीय इंजीनियरों को रिहा करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि विदेश मंत्री रब्बानी ने बगलान प्रांत में भारतीय इंजीनियरों के अपहरण पर गहरा दुख जताया है और कहा है कि अफगान सुरक्षाकर्मी उन इंजीनियरों को सुरक्षित रिहा करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि भारतीयों की रिहाई की दिशा में कबायली नेताओं के जरिए प्रयास शुरू किए जा चुके हैं।
रब्बानी ने भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ भी बातचीत की थी। जिसमें उन्होंने भरोसा दिलाया कि अफगान सरकार इंजीनियरों की जल्द से जल्द रिहाई के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखेगी। अपनी बातचीत में रब्बानी ने कहा कि अफगान सुरक्षाबल भारतीयों को छुड़ाने के साथ ही उनकी सुरक्षा और सलामती को सुनिश्चित करेंगे।
अफगान मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अफगानिस्तान के सुरक्षाकर्मी स्थानीय कबायली सरदारों के साथ मिलकर इन इंजीनियरों को तब से तलाशने की कोशिश कर रही है जबसे उन्हें उनके अगवा होने की जानकारी मिली है। कुछ रिपोर्ट्स का कहना है कि इंजीनियरों को तालिबानी आतंकियों ने गलती से सरकारी अधिकारी समझकर अगवा कर लिया था। चूंकि अब यह एक अंतर्राष्ट्रीय घटना बन चुकी है इसलिए तालिबान की भाषा बदल गई है। इस मामले को संवेदनशील मसला बताते हुए विदेश मंत्रालय ने चुप्पी साध ली है।
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