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May 14, 2018

उत्तराखंड का लव जिहाद मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, लड़की को अदालत में पेश करने के निर्देश

उत्तराखंड के कथित लव जिहाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुरू कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से लड़की को बृहस्पतिवार के दिन अगली सुनवाई पर अदालत के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए हैं।

नई दिल्ली Updated Mon, 14 May 2018 11:34 PM IST
Uttarakhand love jihad case reached supreme court
उत्तराखंड के कथित लव जिहाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुरू कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से लड़की को बृहस्पतिवार के दिन अगली सुनवाई पर अदालत के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में मुस्लिम लड़के ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर लड़की को पेश करने की गुहार लगाई है।
हिंदू लड़की का कथित तौर पर धर्म परिवर्तित कर मुस्लिम युवक से शादी करने के इस मामले में आरोपी लड़का फिलहाल जेल में है और लड़की अपने पिता के पास है। उत्तराखंड के हल्द्वानी निवासी मोहम्मद दानिश ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके कहा है कि वह काठगोदाम की रहने वाली लड़की से प्यार करता है। दोनों का रजामंदी से निकाह हुआ है लेकिन लड़की के पिता ने अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया, जिसके बाद उसे और उसकी मां को गिरफ्तार कर लिया गया है।

याचिका में यह भी कहा गया है कि लड़की को उसकी मर्जी के बगैर उसके पिता के पास भेज दिया गया है। दानिश ने याचिका में कहा है कि उसे पत्नी के साथ रहने का अधिकार है। उसने गुहार लगाई है कि पत्नी को उसके पिता की हिरासत से निकालकर उसके पास रखने की इजाजत दी जाए। 

वहीं उत्तराखंड सरकार की ओर से पेश हुए डिप्टी एडवोकेट जनरल मनोज गोरकेला ने पीठ के समक्ष कहा कि आरोपी ने 18 अप्रैल को युवती का अपहरण किया और अगले दिन गाजियाबाद में फर्जी तरीके से युवती का धर्मांतरण कर उसके साथ शादी कर ली। उनका कहना था निकाहनामा फर्जी है और धर्म परिवर्तन से संबंधित दस्तावेज भी फर्जी हैं। बहरहाल पीठ ने कहा कि पहले वह लड़की से बातचीत करना चाहती है।  

यूपी का मुस्लिम युवती द्वारा मुस्लिम से शादी का मामला भी पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

उत्तर प्रदेश की एक मुस्लिम युवती द्वारा मुस्लिम व्यक्ति से शादी का मामला भी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। युवती के परिवारों का कहना था कि जिस व्यक्ति से उसकी बेटी ने निकाह किया है वह पहले से शादीशुदा है। लिहाजा वह बेटी को उस व्यक्ति के साथ रहने की इजाजत नहीं दे सकते। इस पर मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने पूछा कि क्या लड़की बालिग है। जवाब में कहा गया कि मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक लड़की बालिग है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि लड़की बालिग है तो वह जिसके साथ रहना चाहे वह उसकी मर्जी है। यदि वह शादीशुदा व्यक्ति के साथ रहना चाहती है तो यह उसकी मर्जी है।

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